अक्सर लोग बहानों से विफलताओं को ढक कर रखते हैं । मज़बूत तर्क बनाकर पेश करते हैं जिससे यह साबित हो सके कि दूसरों के मुक़ाबले उनके सामने ज़्यादा मुश्किलें थी । यदि वाकई में सपनों को पाना चाहते हैं तो बहाने बनाना बंद कीजिए क्योंकि अब मैं जिन लोगों का उदाहरण देने जा रहा हूँ , उनके सामने आपसे भी ज़्यादा विपरीत परिस्थितियाँ थी , उन्हें जीवन में कई बार धिक्कारा गया था , उनका तिरस्कार किया गया था , उन्हें कुचला गया था । उनकी भी हिम्मत कई बार टूटी थी लेकिन उन्होने एक अच्छा कार्य किया कि “ तमाम मुश्किलों के बाद भी वो डटे रहे , जुटे रहे , एक सुनहरी सुबह की उम्मीद में काम करते रहे “ , इसीलिए आज वो इस विचार का हिस्सा हैं ।
“क्या सुनकर छोड़ा लाखों ने बहाने बनाना” विषय पर जब हमने अपने यूट्यूब चैनल उज्ज्वल पाटनी पर विडियो जारी किया तो लगभग अठारह लाख लोगो ने इसे देखा और पाँच हज़ार लोगों ने इस विडियो पर अपने कॉमेंट पोस्ट किए, हर किसी को इस बात का एहसास था कि इंसान का सबसे बड़ा दुश्मन उसके अपने बहाने है।
मैं यह नहीं कहता कि हर किसी को समान मेहनत करने पर समान परिणाम मिलते हैं । किसी को उतनी ही उपलब्धियां हासिल करने के लिए ज़्यादा मुश्किलों का सामना करना पड़ता है तो किसी को कम । कभी कभी इसका उल्टा भी होता है , किसी को उपलब्धियां जल्दी मिल जाती हैं और किसी को देर से ।
सफलता देर से मिली या जल्दी , सफलता ज़्यादा मेहनत से मिली या कम मेहनत से , ज़्यादा हार के बाद मिली या कम हार के बाद , ये बिलकुल भी महत्व नहीं रखता । महत्वपूर्ण यह है कि अंत में आपने वह पाया या नहीं , जो आप पाना चाहते थे । आपने 100% झोंककर कार्य किया या आधे अधूरे मन से बहाने बनाते रहे।
आपका शुद्धिकरण करने के लिए सबसे पहले आपके बहानों का अंतिम संस्कार करना ज़रूरी है । आइए देखें,आपके जैसी परिस्थितियाँ होने के बाद भी कौन संघर्ष करके शीर्ष पर पहुंचा । कौन से ऐसे लोग हैं , जिन्होनें बहानों का प्रयोग करने के बजाय चुनौतियों का सामना करने का निर्णय लिया ।
अपने बहानों को देखिए कड़वे सच के आईने में
बहाना (1)
मुझे उचित शिक्षा लेने का अवसर नहीं मिला ।
उचित शिक्षा का अवसर फोर्ड मोटर्स के मालिक हेनरी फोर्ड को भी नहीं मिला ।
बहाना (2)
बचपन में ही मेरे पिता का देहांत हो गया था ।
प्रख्यात संगीतकार ए.आर. रेहमान के पिता का भी देहांत बचपन में हो गया था ।
बहाना (3)
मैं अत्यंत गरीब घर में पैदा हुआ था ।
पूर्व राष्ट्रपति ए.पी.जे. अब्दुल कलाम भी गरीब घर में पैदा हुए थे ।
बहाना (4)
बचपन से ही मैं लगातार अस्वस्थ रहता था ।
ऑस्कर विजेता अभिनेत्री मरली मेटलीन भी बचपन से बहरी और अस्वस्थ थी ।
बहाना (5)
मैंने साइकल पर घूमकर आधी ज़िंदगी गुजारी।
निरमा के करसन भाई पटेल ने भी साइकल पर निरमा बेचकर आधी ज़िंदगी गुजारी।
बहाना (6)
एक दुर्घटना में अपाहिज होने के बाद मेरी हिम्मत चली गई।
प्रख्यात नृत्यांगना सुधा चंद्रन के पैर नकली हैं।
बहाना (7)
मुझे बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता है ।
थॉमस एडीसन को भी बचपन से मंद बुद्धि कहा जाता था ।
बहाना (8)
मैं इतनी बार हार चुका हूँ कि हिम्मत नहीं बची ।
अब्राहम लिंकन पंद्रह बार चुनाव हारने के बाद राष्ट्रपति बने ।
बहाना (9)
मुझे ठीक से इंग्लिश नहीं आती ।
राजनीतिज्ञ लालू यादव को भी ठीक से इंग्लिश नहीं आती।
बहाना (10)
मुझे बचपन से परिवार की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ी।
लता मंगेशकर को भी बचपन से परिवार की ज़िम्मेदारी उठानी पड़ी।
बहाना (11)
मेरी लंबाई बहुत कम है ।
सचिन तेंदुलकर की भी लंबाई कम है ।
बहाना (12)
मैं इंजीनियर बनना चाहता था , व्यापारी बन गया ।
डेल कारनेगी फूटबाल खिलाड़ी बनना चाहते थे , प्रख्यात लेखक बन गए।
बहाना (13)
मैं अत्यधिक मोटा हूँ , इस वजह से मुझे शर्म आती है ।
प्रख्यात गायक अदनान सामी भी बहुत मोटे हैं ।
बहाना (14)
मैं एक छोटी सी नौकरी करता हूँ , इससे क्या हो पाएगा ।
धीरु भाई अंबानी भी छोटी सी नौकरी करते थे ।
बहाना (15)
मेरी कंपनी एक बार दिवालिया हो चुकी है , अब मुझ पर कौन भरोसा करेगा ।
दुनिया की सबसे बड़ी शीतल पेय निर्माता पेप्सीकोला भी दो बार पहले दिवालिया हो चुकी है ।
बहाना (16)
मेरा दो बार नर्वस ब्रेकडाउन हो चुका है , अब क्या कर पाऊँगा ।
डिज़्नी लैंड बनाने के पहले वाल्ट डिज़्नी का तीन बार नर्वस ब्रेकडाउन हुआ था ।
बहाना (17)
मेरी उम्र बहुत ज़्यादा हो चुकी है ।
विश्व प्रसिद्ध कैंटुकी फ्राइड चिकन के मालिक ने 60 साल की उम्र में पहला रेस्तरां खोला था ।
बहाना (18)
मेरी उम्र बहुत कम है ।
टैनिस स्टार सानिया मिर्ज़ा की उम्र भी बहुत कम है ।
बहाना (19)
मेरे पास एक बहुमूल्य आइडिया है लेकिन जहां भी जाता हूँ , कोई मेरे प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करता ।
ज़ेरोक्स फोटो कॉपी मशीन के आइडिये को भी ढेरो कंपनियों ने अस्वीकार किया था , परिणाम हमारे सामने है ।
बहाना (20)
मेरे पास काम शुरू करने के लिए भी धन नहीं है ।
इन्फोसिस के पूर्व चेयरमैन नारायण मूर्ति के पास भी काम शुरू करने के लिए धन नहीं था , उन्हें अपनी पत्नी के गहने बेचने पड़े ।
बहाना (21)
मुझे ढेर सारी बीमारियाँ हैं ।
वर्जिन एयरलाइंस के प्रमुख रिचर्ड ब्रेन्सन को भी आँखों की कमजोरी और डिस्लेक्सिक जैसी ढेर सारी बीमारियाँ हैं । लेखक वेद प्रकाश मेहता की आँखें नहीं हैं , राष्ट्रपति रूज़वेल्ट के दोनों पैर काम नहीं करते थे,स्वर्ण पदक विजेता विलमा रूडोल्फ को पोलियो था ।
मित्रों! मैं बिज़नेस कोचिंग और मोटिवेशनल स्पीकिंग के लिए हर महीने 20 से 22 दिन भारत एवं अन्य देशों में यात्रा करता हूँ। भारत और अन्य कई देशों में मेरे प्रोग्राम होते हैं, मैं हर जगह देखता हूँ जो लोग ज़िम्मेदारी ले रहे हैं वह सफल हो रहे हैं और जो लोग बहाने बना रहे हैं वह कई साल पहले भी बहाने बना रहे थे और आज भी बहाने बना रहे हैं ।
मित्रों ! आप जितने भी बहाने सोच सकते हैं, मैं उनसे ज़्यादा नाम आपको बता सकता हूँ जिन्होनें उन मुश्किलों का हल ढूंढा है । कुछ लोग कहते हैं कि यह ज़रूरी नहीं कि जो प्रतिभा इन महानायकों में थी , वह हमारे अंदर भी हो । इस बात से मैं सहमत हूँ लेकिन यह भी ज़रूरी नहीं कि जो प्रतिभा आपके अंदर है, वह इन महानायकों में हो । आप किसी और गुण के बल पर महारथी साबित हो सकते हैं । मैं किताबी बात नहीं कहता कि हर व्यक्ति इतनी ऊंचाई अर्जित कर सकता है लेकिन मैं यह यकीन से कह सकता हूँ कि हर व्यक्ति सफल हो सकता है जो हार के लिए तैयार हो और सही दिशा में डट कर जुट जाए ।
सफलता का प्रतिशत अपनी अपनी योग्यता के अनुसार कम या ज़्यादा हो सकता है लेकिन यह तय है कि असफलता हाथ नहीं लगेगी ।
इस सफलता कि शुरुआत किसी बहाने से नहीं हो सकती , उसके लिए एक दमदार प्रयास की ज़रूरत है। हाँ ये बहाने आपके सपनों की अर्थी ज़रूर निकाल सकते हैं । इसलिए अगली बार काम से जी चुराने के पहले , असफलता के डर से काम छोडने के पहले , जिम्मेदारियों से भागने के पहले सोच लेना कि आप किसका अहित कर रहे हैं। आपने जीवन में क्या पाया और क्या खोया , इसकी अंतिम ज़िम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ आपकी है ।
मित्रों ! भविष्य का आविष्कार नहीं होता , हर रोज जो आप करते हैं , उसी से भविष्य का निर्माण होता है । आप हर रोज मेहनत कर रहे हैं , वह भी भविष्य में तब्दील हो रहा है , आप हर रोज बहानेबाजी करके दिन गंवा रहे हैं वह भी आपके भविष्य में तब्दील हो रहा है । आपको चुनना होगा कि आप कैसा भविष्य चाहते हैं ।
कल यदि आपके माता पिता आपके जैसी संतान होने पर अफसोस करते हैं , तो इसके जिम्मेदार आप होंगे । कल यदि आपके बच्चे आपको पिता कहने में अपमान का अनुभव करें और अपने मित्रों से मिलवाने में शर्म महसूस करें तो इसके जिम्मेदार आप होंगे । कल यदि आपकी पत्नी दुआ करें कि हे ईश्वर , अगले जन्म में मेरा भाग्य इनके साथ मत लिखना तो इसकी ज़िम्मेदारी भी आपकी होगी ।
सार यह है कि, आज आप जहां भी हैं , कल आप जहां भी होंगे। इसके लिए आप किसी और को जिम्मेदार नहीं ठहरा सकते। इसलिए आज चुनाव कीजिए सफलता और सपने चाहिए कि खोखले बहाने।
सीधी बात
- बहाने बनाकर आप किसी और का नहीं खुद का नुकसान कर रहे हैं ।
- समय निकलने के बाद आप बीते दिनों के नाकारापन और बहानेबाजी को याद करके पछताएँगे लेकिन तब आपके पास करने को कुछ नहीं बचेगा ।
- हर व्यक्ति हर क्षेत्र में सफल नहीं हो सकता । अपना क्षेत्र अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार चुनिए|
- यदि आपके अंदर जीतने का जुनून है तो जीत आपको अवश्य मिलेगी , धैर्य से डटे रहिए|
धन्यवाद,